- 13/01/2021
- Dr. Ashwini Gaurav
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युरिक ऐसिड और गठिया (Gout)
आज के समय में यूरिक ऐसिड और गठिया (Gout) का समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह एक प्रकार का आर्थराइटिस (Arthritis) है जो शरीर में यूरिक ऐसिड के अधिक मात्रा में जमा होने से होता है। जब यह यूरिक ऐसिड जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा हो जाता है, तो वहां सूजन, दर्द और लालिमा जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
गठिया की समस्या आमतौर पर पैरों के अंगूठे, घुटनों, टखनों और हाथों की उंगलियों में देखने को मिलती है। यह बीमारी दर्दनाक होने के साथ-साथ व्यक्ति की चलने-फिरने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकती है। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो गठिया गंभीर रूप ले सकता है और जोड़ों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, समय रहते विशेषज्ञ सलाह लेना जरूरी है। Dr. Ashwini Gaurav, Best Orthopedic Doctor in Patna, इस तरह की समस्याओं के विशेषज्ञ हैं और गाउट (Gout) तथा यूरिक ऐसिड के बढ़ने की स्थिति में आधुनिक और प्रभावी इलाज प्रदान करते हैं।
यूरिक ऐसिड क्या होता है और यह कैसे बनता है?
यूरिक ऐसिड (Uric Acid) एक प्राकृतिक रासायनिक पदार्थ है जो हमारे शरीर में प्यूरीन (Purines) नामक तत्व के टूटने से बनता है। प्यूरीन ऐसे यौगिक हैं जो कुछ खाद्य पदार्थों जैसे – रेड मीट, समुद्री भोजन, बीयर और दालों में पाए जाते हैं।
सामान्य स्थिति में, यूरिक ऐसिड किडनी के माध्यम से मूत्र (urine) के जरिए बाहर निकल जाता है। लेकिन जब यह उत्पादन अधिक हो जाता है या किडनी इसे पर्याप्त मात्रा में बाहर नहीं निकाल पाती, तो यह खून में जमा होकर क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में जमने लगता है, जिससे दर्द और सूजन होती है।
गठिया (Gout) क्या है और यह क्यों होता है?
गठिया (Gout) एक प्रकार का सूजनयुक्त आर्थराइटिस (Inflammatory Arthritis) है। जब यूरिक ऐसिड के क्रिस्टल किसी जोड़ में जमा होते हैं, तो वहां सूजन और तीव्र दर्द होता है। यह अचानक शुरू होता है और कुछ घंटों या दिनों तक रह सकता है। सबसे अधिक प्रभावित जोड़ पैर के अंगूठे का होता है, लेकिन गठिया घुटने, टखने, कोहनी, कलाई और उंगलियों को भी प्रभावित कर सकता है।
गठिया होने के मुख्य कारणों में शामिल हैं:
- शरीर में अत्यधिक यूरिक ऐसिड का उत्पादन
- किडनी द्वारा यूरिक ऐसिड का सही ढंग से निष्कासन न होना
- असंतुलित आहार और शराब का सेवन
- आनुवंशिक कारण
- कुछ दवाओं का लंबे समय तक सेवन
यूरिक ऐसिड बढ़ने के मुख्य कारण
1. प्यूरीन से भरपूर आहार: रेड मीट, समुद्री भोजन, दालें और बीयर जैसे खाद्य पदार्थ यूरिक ऐसिड बढ़ाते हैं।
2. शराब और सॉफ्ट ड्रिंक्स: अल्कोहल और मीठे पेय पदार्थ शरीर में यूरिक ऐसिड के स्तर को बढ़ाते हैं।
3. मोटापा (Obesity): वजन बढ़ने से किडनी पर दबाव पड़ता है और यूरिक ऐसिड का निष्कासन कम हो जाता है।
4. किडनी की बीमारी: कमजोर किडनी यूरिक ऐसिड को बाहर निकालने में असमर्थ रहती है।
5. जेनेटिक फैक्टर: परिवार में किसी को गठिया की समस्या है तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
6. दवाइयों का प्रभाव: हाई ब्लड प्रेशर या अन्य बीमारियों की कुछ दवाइयां यूरिक ऐसिड बढ़ा सकती हैं।
गठिया (Gout) के प्रमुख लक्षण
* जोड़ों में अचानक तेज दर्द होना (विशेषकर रात में)।
* प्रभावित जोड़ में सूजन और लालिमा।
* जोड़ छूने पर गर्म महसूस होना।
* दर्द इतना तीव्र कि चलना या हिलना मुश्किल हो जाए।
* बार-बार दर्द के अटैक (Recurrent Gout Attacks)।
* लंबे समय तक रहने पर जोड़ विकृत हो जाना।
यदि आपको इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो तुरंत किसी अनुभवी Best Orthopedic Specialist in Patna – Dr. Ashwini Gaurav से परामर्श लें।
गठिया की जांच और निदान कैसे किया जाता है?
सही निदान (Diagnosis) गठिया के उपचार का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
निम्नलिखित जांचें की जाती हैं:
1. ब्लड टेस्ट: खून में यूरिक ऐसिड का स्तर जांचने के लिए।
2. जॉइंट फ्लूइड टेस्ट: जोड़ से फ्लूइड लेकर उसमें क्रिस्टल की जांच।
3. एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड: जोड़ों में सूजन या क्षति की स्थिति देखने के लिए।
4. फिजिकल एग्जामिनेशन: विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा जांच और रोग इतिहास लेना।
गठिया (Gout) का उपचार – दवा, आहार और जीवनशैली
गठिया का इलाज केवल दर्द कम करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यूरिक ऐसिड के स्तर को नियंत्रित करना भी जरूरी है ताकि भविष्य में अटैक न हों।
1. दवाइयों द्वारा उपचार (Medical Treatment):
- NSAIDs (Painkillers): दर्द और सूजन को कम करते हैं।
- Colchicine: गठिया के तीव्र अटैक को नियंत्रित करने में मदद करता है
- ।Steroids: जब अन्य दवाएं असर न करें।
- Uric Acid Reducers (Allopurinol, Febuxostat): यूरिक ऐसिड का स्तर कम करने में सहायक।
2. आहार में सुधार (Dietary Changes):
- फल, सब्जियां, और फाइबर युक्त आहार लें।
- रेड मीट, बीयर और सॉफ्ट ड्रिंक्स से परहेज करें।
- नींबू पानी और चेरी जूस फायदेमंद होते हैं।
3. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Modifications):
- रोज़ाना व्यायाम करें।
- वजन को नियंत्रित रखें।
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
4. विशेषज्ञ की सलाह (Consult an Orthopedic Specialist):
यदि गठिया बार-बार हो रहा है या जोड़ों में सूजन बनी रहती है, तो जल्द से जल्द Dr. Ashwini Gaurav, Best Orthopedic Doctor in Patna, से संपर्क करें।
वे व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार सही निदान और उपचार प्रदान करते हैं — जिससे दर्द में राहत और जीवन की गुणवत्ता में सुधार संभव है।
गठिया के लिए आहार और परहेज़ (Diet & Precautions)
क्या खाएं:
- कम वसा वाला दूध और दही
- ताज़े फल (जैसे सेब, चेरी, नींबू)
- हरी सब्जियां
- ओट्स और साबुत अनाज
- पर्याप्त पानी
क्या न खाएं:
- रेड मीट और लीवर
- मछली और समुद्री भोजन
- बीयर और शराब
- मीठे कार्बोनेटेड पेय
घरेलू उपाय:
- सुबह खाली पेट नींबू पानी पीना
- चेरी जूस का सेवन
- ग्रीन टी पीना
- पर्याप्त नींद और तनाव से बचाव
गठिया से बचाव के उपाय (Prevention Tips)
1. नियमित रूप से ब्लड यूरिक ऐसिड टेस्ट करवाएं।
2. रोज़ाना हल्का व्यायाम और योग करें।
3. वजन नियंत्रित रखें।
4. हाई प्रोटीन और जंक फूड से परहेज़ करें।
5. पर्याप्त पानी पिएं (कम से कम 8-10 गिलास प्रतिदिन)।
6. शराब और तंबाकू से दूरी बनाएं।
इन उपायों को अपनाकर आप गठिया (Gout) और बढ़े हुए यूरिक ऐसिड के स्तर को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।
निष्कर्ष: सही इलाज और विशेषज्ञ की सलाह क्यों ज़रूरी है?
गठिया और यूरिक ऐसिड की समस्या को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह धीरे-धीरे जोड़ों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज करवाना अत्यंत आवश्यक है।
यदि आपको जोड़ों का दर्द, सूजन या बार-बार यूरिक ऐसिड बढ़ने की समस्या है, तो विलंब न करें। Dr. Ashwini Gaurav, Best Orthopedic Doctor in Patna, घुटने, कूल्हे और जोड़ों की समस्याओं के विशेषज्ञ हैं। वे अपने Ortho Patna Clinic में आधुनिक तकनीकों, अनुभव और व्यक्तिगत देखभाल के साथ गाउट (Gout) तथा आर्थराइटिस (Arthritis) जैसी स्थितियों का प्रभावी और सुरक्षित उपचार प्रदान करते हैं Ortho Patna Clinic उन्नत सुविधाओं, सटीक निदान और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है, जहाँ हर मरीज को उसके दर्द से राहत और जीवन की गुणवत्ता में सुधार का भरोसा दिया जाता है।
सही निदान + व्यक्तिगत उपचार + जीवनशैली में सुधार = गठिया से राहत और स्वस्थ जीवन।